BLDC FAN
The major parts used in BLDC ceiling fans are :
BLDC Motor:
ROTOR:
Stator:
BLDC Drive:
The following are the main components used in the BLDC drive.SMPS:
Microcontroller:
Inverter:
बीएलडीसी पंखे
आज के समय में बीएलडीसी फैन तकनीक ही मार्किट में चल रही है। आज के समय में हम अपने बिजली के बिल को कम करने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं, जैसा की सोलर प्लांट लगा रहे हैं , सोलर एयर कंडीशनर का प्रयोग कर रहे हैं, led लाइट्स का प्रयोग , इन्वर्टर फ्रिज का प्रयोग कर रहे हैं। इसी प्रकार हम अपने घर केपंखो को भी बदल रहे हे जिससे हमारा पंखे का बिजली का बिल काम हो जाये। हम अपने नार्मल पंखो की जगह बीएलडीसी पंखो का प्रयोग कर रहे हैं। बीएलडीसी का मतलब ब्रश-लेस डायरेक्ट करंट (या बीएलडीसी) पंखे नए और शक्तिशाली पंखे हैं जिसमे ब्रशलेस मोटर का उपयोग होता है जिसको हम ब्रशलेस मोटर कहते हैं। इस मोटर को घूमने के लिए पीसीबी का प्रयोग किया जाता है, इसलिए वे कम बिजली का उपयोग करती हैं। इसमें 30 से 35 वाट तक बिजली कंज़्यूम होती है। इस पंखे को हम रिमोट से भी चलकर सकते हैं। इसके साथ साथ इसको उलटी दिशा में भी घुमा सकते हैं।
अगर हम बीएलडीसी सीलिंग फैन की बात करे तो ये सामान्य इंडक्शन पंखे की तुलना में कम बिजली की खपत करता है। इसे ऊर्जा की खपत भी कम होती है। हम इस सीलिंग फैन में 60% बिजली बचा सकते हैं।बीएलडीसी पंखे सामान्य सीलिंग पंखे से अधिक चलते हैं , क्योंकि बीएलडीसी मोटर में कोई गर्मी उत्पन्न नहीं होती है, इसलिए सीलिंग फैन के बेयरिंग का जीवनकाल बढ़ जाता है। इस पंखे की वाइंडिंग में अच्छी क्वालिटी की मोटी तांबे के तार के प्रयोग होने के कारण वाइंडिंग की ख़राब होने की संभावना भी कम होती है।
बीएलडीसी सीलिंग फैन में उपयोग किये जाने वाले प्रमुख भाग हैं
बीएलडीसी मोटर:
बीएलडीसी मोटर को हम ब्रशलेस डीसी मोटर कहते हैं। इस पंखे की मोटर में बिजली की सप्लाई को ट्रांसफर करने में ब्रुश का प्रयोग रोटर और स्टेटर के बीच में नहीं होता है, जिसके कारण इस्को ब्रुशलेस DC मोटर कहते हैं।
रोटर:
बीएलडीसी सीलिंग फैन में रोटर में स्थायी चुंबक का उपयोग किया जाता है।
स्टेटर:
पंखे के स्टेटर में कॉपर वाइंडिंग का उपयोग किया जाता है, जो बिजली की आपूर्ति के बाद चुंबकीय प्रवाह उत्पन्न करता है। जैसे की आप जानते हैं की चुम्बक के दो समान ध्रुव, एस और एस, एन और एन, को एक दूसरे के सामने लाते हैं तो वो एक दूसरे को दूर धकेलते हैं। इसी टेक्निक का प्रयोग इस पंखे मे होता है।
जब रोटर और स्टेटर पर दो समान ध्रुव (एस और एस, एन और एन) होते हैं, तो चुंबकीय बल रोटर को घूर्णी गति की ओर धकेलता है। इस पंखे में रोटर को निरंतर घूमने के लिए, हमें स्टेटर में ध्रुवता को बदलना होगा, इसलिए हर बार रोटर और स्टेटर पर समान ध्रुवता होती है, जो रोटर में निरंतर घूमने में मदद करती है। स्टेटर में ध्रुवता में निरंतर परिवर्तन के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक ड्राइव का प्रयोग करते हैं ।
बीएलडीसी ड्राइव:
Bldc ड्राइव में निम्नलिखित मुख्य घटक का उपयोग किया जाता है।
एसएमपीएस:
एसएमपीएस का उपयोग एसी सप्लाई को डीसी सप्लाई में बदलने के लिए किया जाता है।
माइक्रोकंट्रोलर:
जब हम रिमोट से पंखे को इंस्ट्रक्शन देते हैं तो वो सिग्नल माइक्रोकंट्रोलर में इनपुट का काम करता है। माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग रिमोट कंट्रोल से इनपुट डेटा प्राप्त करने और इन्वर्टर (जो की AC को DC में बदलता है) के अनुसार आउटपुट डेटा देने के लिए किया जाता है।
इन्वर्टर:
माइक्रोकंट्रोलर से सिग्नल प्राप्त करने के बाद इन्वर्टर मोटर को चलाता है।
बीएलडीसी फैन का कार्य सिद्धांत यह है कि जब हम पंखे को चालू करते हैं तो एसएमपीएस एसी आपूर्ति को डीसी आपूर्ति में परिवर्तित करता है, फिर माइक्रोकंट्रोलर रिमोट कंट्रोल से इनपुट सिग्नल प्राप्त करता है, और तदनुसार माइक्रोकंट्रोलर, इन्वर्टर को सिग्नल भेजता है, फिर इन्वर्टर बीएलडीसी मोटर को ड्राइव करता है।
1 Comments
Excellent knowledge
ReplyDelete